दोस्तोवस्की एक त्वचा रोग है जो त्वचा पर टिनिया नामक कवक के कारण होता है। यह एक ऐसी बीमारी है जिससे जल्दी छुटकारा पाना बहुत मुश्किल होता है। हालांकि, कई घरेलू उपचार भी हैं जिनका उपयोग मुँहासे के इलाज के लिए भी किया जा सकता है।
नाराज़गी के इलाज के लिए सिरका फायदेमंद है। सेब के सिरके में एंटी-फंगल गुण होते हैं जो त्वचा के दाग-धब्बों को तेजी से ठीक करने में मदद करते हैं। इसके लिए थोड़ी सी मात्रा में सेब का सिरका लें और इसे लगाएं।
हल्दी का उपयोग मुंहासों के इलाज के लिए किया जाता है। हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एनाल्जेसिक गुण होते हैं, जो त्वचा पर मुंहासों से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। इसके लिए हल्दी पाउडर को थोड़े से पानी में मिलाकर पेस्ट बना लें, अब इस पेस्ट को संक्रमित जगह पर लगाएं और सूखने के बाद धो लें। इससे आपको अवश्य लाभ होगा।
पपीता रैशेज के इलाज में भी फायदेमंद होता है। अगर यह समस्या है तो कच्चे पपीते का एक टुकड़ा प्रभावित जगह पर लगाएं। कच्चे पपीते में एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो संक्रमण के कारण होने वाले त्वचा रोगों के इलाज में प्रभावी होते हैं।
डैंड्रफ दूर करने में भी लहसुन बहुत कारगर है, इसमें एंटी-फंगल गुण होते हैं। इसके लिए लहसुन की 2 से 3 कली का पेस्ट बना लें और इसे किनारे पर लगाएं। ऐसा कई दिनों तक करने से अवश्य ही अच्छे परिणाम मिलेंगे।
एलोवेरा का इस्तेमाल त्वचा से मुंहासों को दूर करने के लिए किया जाता है। डैंड्रफ के कारण होने वाली खुजली और सूजन से राहत दिलाने में एलोवेरा के गुण कारगर होते हैं। इसके लिए एलोवेरा जेल को प्रभावित जगह पर लगाने से रैशेज जल्दी गायब हो जाते हैं।
टी ट्री ऑयल की मदद से भी धाढ़े को साफ किया जा सकता है। दरअसल, टी ट्री ऑयल में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो त्वचा के संक्रमण को खत्म कर त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। चाय के पेड़ के तेल को त्वचा के संक्रमित क्षेत्र पर नियमित रूप से लगाने से लाभ होगा।
डैंड्रफ के घरेलू उपाय के तौर पर नीम बहुत फायदेमंद होता है। दरअसल, नीम का इस्तेमाल कई त्वचा रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। दरअसल नीम में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो त्वचा के दाग-धब्बों को दूर करने में काफी कारगर होते हैं।